√4 परिमेय है या अपरिमेय ?
√4 परिमेय है या अपरिमेय ?
√4 परिमेय है या अपरिमेय ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पहले हम थोड़ा परिमेय और अपरिमेय संख्याओं क बारे में जान लेते हैं|
परिमेय संख्या एक ऐसी संख्या होती है जिसको क रूप में व्यक्त किया जा सके, जहाँ और पूर्णांक है तथा है | जैसे:
(i) एक परिमेय संख्या है , जहाँ = 4 और = 5 है|
(ii) इत्यादि भी परिमेय संख्याएँ हैं|
(iii) किसी भी पूर्णांक को एक परिमेय संख्या माना जा सकता है | उदहारण के लिए -5 एक परिमेय संख्या है क्योंकि हम -5 को लिख सकते हैं|
(iv)सभी प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, भिन्न, आवर्त भिन्न और परिमित दशमलव संख्याएँ परिमेय संख्याएँ होती हैं।
परिमेय संख्याओं के समुच्चय को अक्षर Q द्वारा दर्शाया जाता है।
अपरिमेय संख्या वह संख्या है जो परिमेय नहीं है, अर्थात् जिसे भिन्न के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहां p और q पूर्णांक हैं, जिसमें है| इसका मतलब है कि एक अपरिमेय संख्या को एक सरल भिन्न के रूप में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिये = 1.41421356237…………… और = 3.141592653589793238462643383279502884197…………., √5, √7, √11 इत्यादि अपरिमेय संख्याएँ हैं। अपरिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार न तो सांत है और न ही दोहराव।
√4 परिमेय है या अपरिमेय ?
जैसा कि हमने अभी ऊपर देखा कि परिमेय संखाएं वे संख्याएँ है जिसको क रूप में व्यक्त किया जा सके, जहाँ और पूर्णांक है तथा है और अपरिमेय संख्या वह संख्या है जो परिमेय नहीं है, अर्थात् जिसे भिन्न के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहां p और q पूर्णांक हैं, जिसमें है|
हमे पता है कि होता है और 2 को हम , जहाँ p= २ और q = 1 है| अतः एक परिमेय संख्या है |
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(i) √7 एक परिमेय संख्या है या अपरिमेय ?
हल: कोई भी संख्या जो दशमलव बिंदु के बाद समाप्त नहीं होती, अपरिमेय संख्या कहलाती है। इस मामले में, √7 एक अपरिमेय संख्या है क्योंकि इसका मान, 2.645751311064591………… , और यह एक कभी न खत्म होने वाली संख्या है। √7 एक अपरिमेय संख्या है, क्योंकि √7 का मान p/q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
(ii)सिद्ध कीजिये कि 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है ?
हल : मान लीजिए कि 3 + 2√5 एक परिमेय संख्या है । इसलिए हम इसको p/q के रूप में व्यक्त कर सकते हैं|
जहां p और q पूर्णांक हैं, जिसमें है|
चूंकि तथा q पूर्णांक हैं , इसीलिए ( – 3q) और 2q भी पूर्णांक होंगे ।
अतः समीकरण (1) से √5 एक परिमेय संख्या है, परंतु यह इस तथ्य का विरोधाभास है कि √5 एक अपरिमेय संख्या है। ∴ हमारी कल्पना गलत है।
अतः , 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है ।
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