पाई(pi) कैसी संख्या है ?

Pai kaisi sankhya hai?

यदि किसी वृत्त की परिधि और  उसके व्यास का अनुपात है निकला जाये तो उसका मान हमेशा  3.14159 . . ……. आता है जिसको हम पाई ( π )  से  प्रकट करते है| यह  वृत्त के आकार पर निर्भर नहीं करता | पाई हमेशा एक ही संख्या होती है जो, किसी भी वृत्त के लिए, उसकी परिधि को उसके व्यास से विभाजित करने पर  मिलती है | इसका मान हमेशा 3.141592………….. आता है|

सामान्य युग से पहले भी, प्राचीन गणितज्ञों ने पाई के लिए ऐसे  मान खोजे थे जो दो अंकों (3.1) तक सही  थे। बेबीलोनियों ने पाई के मान के लिए  25/8  का उपयोग किया। प्राचीन मिस्रवासी पाई के लिए 16/9 वर्ग का उपयोग करते थे। पाई के मान में सुधार करने वाले अगले चीनी गणितज्ञ थे। उनके द्वारा खोजा गया पाई का मान  सात अंकों (3.141592) तक सही था।

पाई (π ) कैसी संख्या है? (परिमेय या अपरिमेय)

गणित में परिमेय संख्याएँ  वे संख्याएँ होती हैं जिसको  p/q के रूप में दर्शाया जा सकता है जहां q ≠ 0 है।जैसे  1/2 ,33/4, 2, 4/9 आदि परिमेय संख्याओं के उदाहरण हैं|

पाई एक अपरिमेय संख्या है, जिसका अर्थ है कि इसे एक साधारण अंश के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, और इसका दशमलव मान बिना दोहराए हमेशा चलता रहता है। पाई का मान लगभग  3.1415926535897932384626433832795……………………. है, लेकिन कई गणनाओं में सरलता के लिए इसे आमतौर पर 3.14 तक लिया जाता है।  गणित में सवालों को हल करते समय हम  π का मान 22/7 ले लेते हैं

π एक अपरिमेय संख्या है जबकि 22/7 एक परिमेय संख्या है। 22/7 का दशमलव मान π के करीब है, लेकिन दोनों समान नहीं हैं।  दरअसल, π का ​​मान लगभग 22 को 7 से विभाजित करने पर प्राप्त मान के बराबर होता है। और π का ​​वास्तविक मान बिना दोहराए हमेशा चलता रहता है।, इसलिए π एक अपरिमेय संख्या है। लेकिन 22/7 परिमेय संख्या है।

वृत्त की परिधि तथा व्यास की लंबाइयों का अनुपात सदैव नियत होता है। यह नियतांक अपरिमेय संख्या है, जिसे π से प्रदर्शित किया जाता है। पाई ( π ) का सही मान ज्ञात कर पाना संभव नहीं है क्योंकि यह एक अपरिमेय संख्या है।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लगभग डेढ़ हजार वर्ष पहले आर्यभट ने इस अनुपात की खोज की थी | उन्होंने ने लिखा है कि वृत्त का व्यास 20,000 हो तो उसकी परिधि 62,832 होती है| इसका अर्थ यह हुआ कि वृत्त की परिधि/व्यास =\frac{62832}{20000}=3.14161

आर्यभट के पहले भारतीय गणितज्ञो को इस अनुपात का इतना सूक्ष्म मान ज्ञात नहीं था |

14 मार्च को पाई(पाई ( π ) ) दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह तिथि  (3/14)  पाई (π) के पहले तीन अंकों के समान है। संयोगवश, यह अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्मदिन भी है। पाई का उपयोग विभिन्न गणितीय सूत्रों में किया जाता है|

पाई अपरिमेय संख्या क्यों है?

अपरिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती है  जिनको हम  एक साधारण अंश के रूप में व्यक्त नहीं कर सकते हैं, और इसका दशमलव मान बिना दोहराए हमेशा चलता रहता है।  पाई का मान लगभग  3.1415926535897932384626433832795…………………… होता है जो बिना दोहराए हमेशा चलता रहता है और इसको साधारण अंश के रूप  में भी व्यक्त नहीं किया जा सकता|

22 बटा 7 परिमेय संख्या है या अपरिमेय ?

परिमेय संख्संयाएँ  वो होतीं हैं जिन्हे आप भिन्न के रूप में लिख सकें। ऐसी संख्याओं की खासियत यह है कि जब आप इन्हे दशमलव में लिखेंगे तो यह कुछ अंक-समूह में रेपीटीशन दिखाती हैं, या परिमेय संख्या का दशमलव प्रसार कहीं न कहीं  समाप्त होता है । जैसे:
1/2=0.5
10/3 =3.33333333…
136/33 = 4.121212121212…. आदि परिमेय संख्याएँ हैं|

चूँकि 22/7 के दशमलव मान  (3.142857142857142857………….. ) में 142857 की पुनरावृति हो रही है| इसलिए 22/7 एक परिमेय संख्या है|

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